केरल सरकार के अनुसार, बाढ़ की वजह से हुए हादसों में मरने वालों
की संख्या बढ़कर 324 हो गई है.
केरल के कासरगोड को छोड़कर राज्य के सभी ज़िलों में बाढ़ के कारण 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है.
मौसम
विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में केरल में मूसलाधार बारिश
होने के कारण बाढ़ प्रभावित 13 ज़िलों में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो
सकती है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि, "हमने बचाव
कार्य को तेज़ कर दिया है. बहुत सारे लोग सीएम ऑफ़िस को उन जगहों की सूचना
दे रहे हैं जहाँ लोग फंसे हुए हैं."
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, केरल में बनाये गए पाँच सौ से ज़्यादा
राहत शिविरों में अब तक क़रीब दो लाख से ज़्यादा लोग पहुँच चुके हैं.
केरल में बाढ़ की वजह से जो इलाक़े सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं वो
पश्चिमी घाट के 'इकोलॉजिकल सेंसिटिव ज़ोन' के अंतर्गत आते हैं. स्थानीय
मीडिया के अनुसार, कोच्चि, त्रिवेंद्रम, इडुक्की, पलक्कड और वायनाड ज़िले
में हालात सबसे ज़्यादा ख़राब हैं.
नेशनल डिज़ास्टर रेस्पॉन्स फ़ोर्स
(एनडीआरएफ़) की छह टी
में दिल्ली और छह टीमें अहमदाबाद से केरल भेजी गई
हैं. एनडीआरएफ़ की 18 टीमें केरल के 7 ज़िलों में पहले से तैनात हैं.
एनडीआरएफ़
के महानिदेशक संजय कुमार ने मीडिया को बताया है, "हम केरल सरकार के साथ
मिलकर बचाव कार्य कर रहे हैं. केरल में अगर और टीमों की ज़रूरत होगी तो हम
भेजेंगे. केरल में हालात काफ़ी चुनौतीपूर्ण हैं."
भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने ट्वीट किया है, "ऑपरेशन मदद के
तहत केरल के सभी ज़िला मुख्यालयों पर हमने एक हेलीकॉप्टर तैनात करके का
फ़ैसला किया है. इस बारे में भारतीय वायु सेना को ज़रूरी निर्देश दे दिये
गए हैं. मौसम ने साथ दिया तो आज रात तक ये हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए
केरल पहुँच जायेंगे."
उन्होंने बताया कि भारतीय आर्मी ने बाढ़
प्रभावित इलाक़ों में 18 जगहों पर रास्ते बहाल किये हैं और 11 जगहों पर
अस्थायी पुल बनाये हैं ताकि फंसे हुए लोगों तक मेडिकल मदद पहुँच सके.
केरल सरकार ने रक्षा मंत्रालय से बचाव कार्य के लिए 600 मोटरबोट भी मांगी हैं.
शुक्रवार
को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट किया, "आप हमें वक़्त और
तारीख़ के साथ अपनी सही लोकेशन, ज़िले का नाम और फ़ोन नंबर भेजें. हम उन तक
मदद पहुँचाने की कोशिश करेंगे."
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का कहना है कि
पिछले 100 सालों में राज्य ने कभी भी इस तरह के बाढ़ का सामना नहीं किया है.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "इससे पहले केरल ने कभी भी इस तरह की स्थिति नहीं देखी."
मानसून
में हर साल केरल में देश के कुछ राज्यों की तुलना में ज़्यादा बारिश होती
है लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि इस बार हुई बारिश औसत से 37 फ़ीसदी
ज़्यादा है. चिंता की बात ये है कि आने वाले दिनों में भी तेज़ बारिश का
प्रकोप जारी रहने की आशंका है.
इसके बाद काफ़ी सारे लोगों ने अपनी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की है और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
गुरुवार
को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से बाढ़ राहत कोष में मदद भेजने का
आग्रह किया था. उन्होंने ट्विटर पर एक बयान जारी कर लोगों से
मदद मांगी थी.
केरल में आई इस बाढ़ को 94 साल की 'सबसे बड़ी बाढ़' कहा जा रहा है.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति, संचार प्रणाली और पेयजल आपूर्ति बाधित है.
यहाँ ट्रेन सेवाएं बाधित हैं और सड़क परिवहन सेवाएं भी अस्त-व्यस्त हैं. जगह-जगह सड़कें पानी में डूब गई हैं.
अधिकारियों
के अनुसार, कासरगोड़ को छोड़कर बाकी सभी ज़िलों में शैक्षणिक संस्थानों
में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. कॉलेजों और महाविद्यालयों ने परीक्षाएं
स्थगित कर दी हैं.
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह से पानी में डूब गया है और इसे
26 अगस्त तक बंद रखने के आदेश दिये गए हैं.